Giridih News: अरहर के पौधों की आड़ में गांजे की खेती करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गिरिडीह के कई गांवों में अरहर के साथ गांजे के पौधे लगाए गए हैं। गांजे की हो रही खेती से स्थानीय पुलिस प्रशासन भी बेखबर है। मिली जानकारी के अनुसार, ग्रामीण अरहर की फसल के साथ गांजे की खेती प्रत्येक वर्ष करते हैं; ताकि बाहर से आने वाले लोगों को पता ना चल सके।
हाइलाइट्स
अरहर के पौधों की आड़ में गांजे की खेती करने का मामला सामने आया।
गिरिडीह के कई गांवों में अरहर की फसल के साथ होती है गांजे की खेती।
गिरिडीह: देवरी प्रखंड के खटोरी पंचायत के अंतर्गत आने वाले सुदूरवर्ती गांव नीचली पलमरूआ में धीमा जहर कहे जाने वाले गांजे की खेती की जा रही है। यहां पर अरहर के साथ गांजे के पौधे लगाए गए हैं, ताकि बाहर से आनेवाले लोगों को गांजे की खेती का पता न चल सके। गांजे की हो रही खेती से स्थानीय पुलिस प्रशासन भी बेखबर है।
बता दें कि थाना मुख्यालय से हेठली पलमरुआ की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है जहां दिन में भी पुलिस को जाने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में इसी का फायदा उठाकर ग्रामीण अरहर की फसल के साथ गांजे की खेती प्रत्येक वर्ष करते हैं, ताकि बाहर से आनेवाले लोगों को पता ना चल सके। हालांकि, जब एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो को जानकारी दी गई तो उन्होंने तुरंत आश्वासन देते हुए कहा कि इस पर कार्रवाई की जाएगी और किसी भी सूरत में इस तरह के कारोबार को फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा।
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