पश्चिम बंगाल से लेकर यूपी-बिहार तक में स्थानीय पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कटुता देखने को मिल रही है। इसी मसले का हल करने के लिए शनिवार 13 जनवरी को इंडिया गठबंधन की एक और बैठक बुलाई गई है। हालांकि ममता बनर्जी की टीएमसी ने सुबह 11:30 बजे होने वाली इस वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
लोकसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन कौन कितनी सीट पर लड़ेगा, इस पर INDIA गठबंधन में माथापच्ची जारी है। पश्चिम बंगाल से लेकर यूपी-बिहार तक में स्थानीय पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर कटुता देखने को मिल रही है। इसी मसले का हल करने के लिए शनिवार 12 जनवरी को इंडिया गठबंधन की एक और बैठक बुलाई गई है।
हालांकि इस बैठक में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं होंगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के इनकार के बाद टीएमसी का कोई प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल नहीं हो सकेगा।
शनिवार को सुबह 11:30 बजे होने वाली INDIA गठबंधन की वर्चुअल बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एम.के स्टालिन, नीतीश कुमार समेत 14 पार्टियों के नेताओं को शामिल होने के लिए कहा गया था। यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में सीट बंटवारे के साथ ही गठबंधन का संयोजक बनाने पर भी चर्चा होनी है और नीतीश कुमार के नाम पर पार्टियां मुहर लगा सकती हैं। लेकिन अब इसमें ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने पर पेंच फंसता दिख रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बैठक में शामिल नहीं होने की वजह बताई है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी गठबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन शनिवार को ममता बनर्जी दूसरे कार्यों में व्यस्त हैं और गठबंधन की इस बैठक की सूचना बहुत की शॉर्ट नोटिस पर दी गई है, जिसके चलते ममता पहले से तय अपने कार्यक्रमों में बदलाव नहीं कर सकती हैं।
टीएमसी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने इस बैठक में पार्टी के प्रतिनिधि को शामिल होने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए ममता बनर्जी के अलावा पार्टी का कोई अन्य प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेगा।
बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के बीच फंसा है पेंच
बता दें कि बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर टीएमसी और कांग्रेस के बीच पेंच फंसा है। सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल में कांग्रेस 8-10 सीट की मांग कर रही है, जबकि टीएमसी कांग्रेस को 2 सीट से ज्यादा नहीं देना चाहती। कारण, पश्चिम बंगाल में पिछले चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब 5 था। सिर्फ दो ही सीटें ऐसी थीं, जहां कांग्रेस ने 30 प्रतिशत वोट हासिल किया था और टीएमसी इन्हीं दो सीटों को कांग्रेस को देना चाहती है। वहीं अब टीएमसी की नजर असम पर भी है।
असम में भी सीट मांग रही टीएमसी
सूत्रों की मानें तो टीएमसी असम की 14 में से 4 सीट चाहती हैं जबकि कांग्रेस असम में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं टीएमसी ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा के लिए अपने प्रतिनिधि भेजने और किसी भी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया।
पहले भी हो चुकी हैं कई बैठकें
बता दें कि विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन की पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं। पहली मीटिंग बिहार के पटना में 23 जून को हुई थी। वहीं दूसरी मीटिंग बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को हुई थी। तीसरी बैठक मुंबई में 31 और 1 सितंबर को हुई थी। चौथी बैठक दिसंबर में दिल्ली में हुई थी। इन बैठकों में पार्टियों को एक साथ लाने से लेकर सीट बंटवारे तक की चर्चा हो चुकी है। हालांकि राज्यवार सीट बंटवारा का मामला अभी फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि इस बैठक में इस मुद्दे को सुलझाने का काम किया जाएगा ।
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