June 22, 2025

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कोयल नदी का बढ़ता जलस्तर: सतर्क हुआ जिला प्रशासन, डीआईजी ने किया मेदिनीनगर रिवर फ्रंट का निरीक्षण

कोयल नदी का बढ़ता जलस्तर: सतर्क हुआ जिला प्रशासन, डीआईजी ने किया मेदिनीनगर रिवर फ्रंट का निरीक्षण

कोयल नदी का बढ़ता जलस्तर: सतर्क हुआ जिला प्रशासन, डीआईजी ने किया मेदिनीनगर रिवर फ्रंट का निरीक्षण

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पलामू मेदिनीनगर : झारखंड के पलामू जिले का मुख्यालय मेदिनीनगर इन दिनों कोयल नदी के जलस्तर में हो रही निरंतर वृद्धि को लेकर सतर्क है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति प्रशासन की सजगता और सुरक्षा व्यवस्था की तत्परता का ताजा उदाहरण शुक्रवार शाम को देखने को मिला, जब पलामू प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) श्री नौशाद आलम ने मेदिनीनगर के रिवर फ्रंट क्षेत्र का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण न केवल प्रशासन की सतर्कता को दर्शाता है, बल्कि आने वाले समय में संभावित आपदाओं से निपटने की तैयारी को भी उजागर करता है।

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कोयल नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी: एक चिंताजनक संकेत

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और पड़ोसी क्षेत्रों से आ रही जलधारा के कारण कोयल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है, परंतु जिस प्रकार नदी की धारा उफान पर है, वह किसी भी समय आसपास के निचले इलाकों के लिए खतरा बन सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बारिश का यही क्रम बना रहा, तो नदियों के किनारे बसे आवासीय क्षेत्रों और खेती योग्य ज़मीनों पर बाढ़ का खतरा मंडरा सकता है। यही कारण है कि प्रशासन ने पहले से ही सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।

डीआईजी नौशाद आलम का औचक निरीक्षण:

शुक्रवार की शाम 7 बजे डीआईजी श्री नौशाद आलम स्वयं रिवर फ्रंट पहुंचे और वहाँ की स्थिति का गहन अवलोकन किया। उनके साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और नगर निगम के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने न केवल जलस्तर का जायज़ा लिया, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था और विधि-व्यवस्था की भी गहराई से समीक्षा की।

डीआईजी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिवर फ्रंट पर नियमित गश्ती लगाई जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में मौजूद युवाओं से संवाद करते हुए उन्हें संयम बरतने की सलाह दी।

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युवाओं को दी गई चेतावनी:

निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने विशेष रूप से किशोरों और कॉलेज छात्रों को समझाया कि इस समय का सदुपयोग करें। उनका स्पष्ट संदेश था कि “यह पढ़ाई-लिखाई का समय है। शाम 7 से 9 का समय बहुत कीमती होता है। इसे सेल्फी लेने या यूं ही घूमने में व्यर्थ न करें।”

डीआईजी ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई छात्र दोबारा इस क्षेत्र में बिना वजह पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केवल छात्र ही नहीं, बल्कि उनके अभिभावकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यह एक सख्त लेकिन ज़रूरी संदेश था, जिससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।


स्ट्रीट लाइट्स को लेकर नगर निगम को निर्देश:

निरीक्षण के दौरान डीआईजी की नजर रिवर फ्रंट, शाहपुर पुल और आसपास के चौक-चौराहों पर पड़ी खराब स्ट्रीट लाइट्स पर भी गई। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के प्रशासक को दो दिन के अंदर सभी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत करवाने का आदेश दिया।

उनका कहना था कि रात के समय सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए पर्याप्त प्रकाश आवश्यक है। खराब लाइटें न केवल दुर्घटना को बढ़ावा देती हैं, बल्कि आपराधिक गतिविधियों को भी न्योता देती हैं। प्रशासन का यह कदम आम नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की ओर एक मजबूत संकेत है।

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सदिक चौक पर ट्रैफिक और विधि-व्यवस्था की समीक्षा:

निरीक्षण यात्रा के अंत में डीआईजी सदिक चौक पहुंचे, जो शहर का एक प्रमुख यातायात केंद्र है। वहाँ उन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। साथ ही यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ रहे और किसी भी स्थिति में जाम जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।


प्रशासन की तैयारियाँ और आम नागरिकों से अपील:

डीआईजी नौशाद आलम के निरीक्षण ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चाहे वह बाढ़ की संभावना हो, या फिर किसी भी तरह की सामाजिक अव्यवस्था—प्रशासन की सक्रियता यह सुनिश्चित करती है कि आमजन सुरक्षित और निश्चिंत रहें।

प्रशासन ने आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है। खासकर युवाओं से यह अपेक्षा की गई है कि वे किसी भी तरह की उत्तेजना या असावधानी से बचें। भविष्य निर्माण के इस समय में उनका ध्यान अध्ययन और सकारात्मक गतिविधियों की ओर होना चाहिए।

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