October 16, 2025

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पलामू के केदल जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़: दो जवान शहीद, एक घायल, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज

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पलामू के केदल जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़: दो जवान शहीद, एक घायल, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज

झारखंड के पलामू जिले का मनातू थाना क्षेत्र गुरुवार देर रात गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। जिला पुलिस बल और नक्सलियों के बीच केदल जंगल में भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ ने न केवल पूरे जिले बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। इस दौरान पुलिस बल के दो बहादुर जवान—सुनील राम और संतन मेहता—ने अपनी शहादत दी, जबकि एक जवान रोहित कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल जवान का इलाज फिलहाल चिकित्सकों की विशेष टीम कर रही है।

 

घटना की पूरी कहानी

 

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि केदल जंगल में नक्सलियों का एक बड़ा दल जमा है और वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में है। सूचना मिलते ही जिला पुलिस ने विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया। देर रात जैसे ही पुलिस बल जंगल के इलाके में घुसा, नक्सलियों ने उन्हें देखते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

 

पुलिस ने भी तत्काल जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं। इस दौरान जिला पुलिस बल के जवान सुनील राम और संतन मेहता गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। वहीं, रोहित कुमार नामक जवान को गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही है। डॉक्टर सुशील और डॉक्टर प्रवीण सिद्धार्थ के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने उसका ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

 

नक्सलियों को भी भारी नुकसान की आशंका

 

पुलिस सूत्रों का कहना है कि मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गए या घायल हुए हैं, लेकिन अंधेरे और घने जंगल के कारण उनके शव अब तक बरामद नहीं किए जा सके हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुठभेड़ की गंभीरता को देखते हुए आसपास के जिलों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

 

मौके पर पहुंचे वरीय अधिकारी

 

घटना की सूचना मिलते ही पलामू के पुलिस कप्तान (एसपी), डीएसपी और अन्य वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने न केवल स्थिति का जायजा लिया बल्कि जवानों का मनोबल भी बढ़ाया। एसपी ने शहीद जवानों के परिजनों से बात की और उन्हें ढांढस बंधाया। साथ ही घायल जवान का हालचाल लिया और डॉक्टरों से उपचार की जानकारी ली।

 

शहीद जवानों की वीरता को सलाम

 

पलामू पुलिस बल और जिले के अधिकारियों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि शहीद जवानों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। उन्होंने नक्सलियों की गोलीबारी के सामने सीना तानकर लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दे दी।

 

शहीद सुनील राम और संतन मेहता की शहादत पर पूरा पुलिस विभाग गर्व महसूस कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी और जल्द ही नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

 

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बढ़ी चुनौतियाँ

 

पलामू जिला लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है। केदल जंगल समेत कई इलाकों में नक्सली आए दिन सुरक्षाबलों और आम जनता को निशाना बनाते रहते हैं। हाल के वर्षों में पुलिस ने कई सफल अभियानों के जरिए नक्सलियों की कमर तोड़ी है, लेकिन यह समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकी है।

 

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि झारखंड में नक्सली चुनौती अब भी जीवित है और पुलिस को लगातार सतर्क रहना होगा।

 

शहीदों के परिवारों का दर्द

 

शहीद जवानों के परिवारों को जैसे ही यह खबर मिली, घरों में मातम छा गया। परिवार के सदस्यों की आँखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। गाँव-गाँव से लोग शहीदों के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि देने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जवानों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

 

राज्य सरकार की ओर से शहीद जवानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी मदद दिए जाने की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

 

घायल जवान की स्थिति गंभीर

 

जवान रोहित कुमार की हालत फिलहाल गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने भी घायल जवान के परिवार को भरोसा दिलाया है कि इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

 

सुरक्षा व्यवस्था और रणनीति

 

इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने पूरे पलामू और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है। केदल जंगल के हर कोने में पुलिस बल तैनात किया गया है। जवानों की अतिरिक्त टुकड़ियाँ भेजी गई हैं ताकि नक्सलियों को किसी भी हाल में भागने का मौका न मिले।

 

पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में नक्सलियों के खिलाफ और बड़े अभियान चलाए जाएंगे।

 

जनता की प्रतिक्रिया

 

घटना की खबर फैलते ही आम जनता में गुस्सा और दुख दोनों देखने को मिला। लोग कह रहे हैं कि जब तक नक्सलियों को जड़ से खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक जवानों की शहादत का सिलसिला रुकने वाला नहीं है। कई सामाजिक संगठनों ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सरकार से नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

 

निष्कर्ष

 

पलामू के केदल जंगल में हुई इस भीषण मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नक्सली खतरा अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। दो जवानों की शहादत ने पूरे राज्य को गमगीन कर दिया है, लेकिन साथ ही पुलिस बल का हौसला भी और बुलंद किया है।

 

शहीद सुनील राम और संतन मेहता की वीरता हमेशा याद रखी जाएगी। घायल जवान रोहित कुमार के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना पूरे राज्य के लोग कर रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस और प्रशासन आने वाले दिनों में इस चुनौती का किस तरह सामना करता है और नक्सलियों को किस हद तक नेस्तनाबूद कर पाता है।

 

Report By Prince Shukla 

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