October 16, 2025

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मेदिनीनगर : दहेज की भेंट चढ़ी नई नवेली दुल्हन — 13 महीने पहले हुई थी शादी, अब फंदे से लटका मिला शव

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#मेदिनीनगर (पलामू) झारखंड के पलामू जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। चैनपुर थाना क्षेत्र के करसो गांव में एक 21 वर्षीय नवविवाहिता की संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। मृतका का नाम पुनीता देवी बताया जा रहा है, जिसकी शादी मात्र 13 महीने पहले राकेश कुमार से हुई थी।

 

शनिवार की देर रात पुनीता का शव उसके घर के कमरे में फंदे से लटकता हुआ पाया गया। रविवार सुबह घटना की सूचना पर चैनपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच (मेडिनीकल कॉलेज हॉस्पिटल) भेज दिया।

 

शादी के समय दी गई थी नकद राशि और बाइक

मृतका के परिजनों ने इस मामले में दहेज के लिए हत्या का गंभीर आरोप लगाया है।

पुनीता के चाचा संतू मेहता ने बताया कि उनकी भतीजी की शादी के समय चार लाख रुपये नकद और एक पल्सर बाइक दी गई थी। इसके बावजूद, ससुराल पक्ष लगातार अधिक पैसे की मांग करता था।

 

परिजनों के अनुसार, पुनीता का पति राकेश कुमार अक्सर उससे पैसों को लेकर झगड़ा करता था और मारपीट भी आम बात बन चुकी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जब पुनीता के मायके वालों ने और पैसे देने से इनकार किया, तो उसकी हत्या कर दी गई और बाद में उसे फंदे से लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई।

 

समय पर नहीं दी गई मौत की सूचना

 

जानकारी के अनुसार, पुनीता की मौत शनिवार की रात को ही हो गई थी, लेकिन घटना की सूचना मायके वालों को समय पर नहीं दी गई।

रविवार की सुबह जब कुछ ग्रामीणों ने मायके पक्ष को खबर दी, तब परिजन गांव पहुंचे।

उस समय तक शव फंदे से उतारा जा चुका था।

 

परिजनों का कहना है कि अगर उन्हें समय पर सूचना दी जाती, तो शायद वे अपनी बेटी की आखिरी झलक देख पाते।

 

ससुराल वालों पर हत्या का आरोप

 

मृतका के परिवार ने पति राकेश कुमार, देवर पिंटू कुमार, ननद, नंदोई और सास पर हत्या का आरोप लगाया है।

संतू मेहता ने बताया कि पुनीता की ससुराल वालों ने मिलकर उसकी साजिश के तहत हत्या की है।

उन्होंने कहा —

“हमारी बेटी को पैसे के लिए मारा गया। ससुराल वालों ने पहले उसे बहुत प्रताड़ित किया, फिर गला दबाकर मार दिया और बाद में फंदे से लटका दिया ताकि यह आत्महत्या लगे।”

 

पुलिस जांच में जुटी

 

इस पूरे मामले में चैनपुर थाना प्रभारी ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया गया।

उन्होंने कहा कि “प्रारंभिक जांच चल रही है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

 

थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि फिलहाल परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और ससुराल पक्ष के कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।

 

गांव में मातम और आक्रोश

 

करसो गांव में इस घटना के बाद शोक और गुस्से का माहौल है।

गांव की महिलाओं ने बताया कि पुनीता एक सीधी-सादी और मिलनसार लड़की थी, जो हमेशा मुस्कुराती रहती थी।

एक पड़ोसी महिला ने कहा —

 

“पुनीता ने कभी किसी से शिकायत नहीं की, पर कई बार उसे रोते देखा गया था। शायद वो सब कुछ चुपचाप सह रही थी।”

 

गांव के कई लोग इस घटना को ‘दहेज प्रथा का काला सच’ बता रहे हैं।

स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में किसी और बेटी की जान इस प्रथा की भेंट न चढ़े।

 

दहेज प्रथा के खिलाफ सवाल

 

यह घटना एक बार फिर समाज के सामने बड़ा सवाल खड़ा करती है —

क्या दहेज के लिए बेटियों की जिंदगी इतनी सस्ती हो गई है?

 

भारत में दहेज निषेध अधिनियम 1961 के बावजूद, आज भी ग्रामीण इलाकों में दहेज की मांग और हिंसा आम बात है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर साल 7000 से अधिक महिलाएं दहेज से जुड़ी हिंसा या मौत का शिकार बनती हैं।

झारखंड जैसे राज्यों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

 

मायके वालों की मांग – न्याय चाहिए

 

पुनीता के पिता और चाचा ने मांग की है कि सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और केस की निष्पक्ष जांच की जाए।

उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, वे अपनी बेटी के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।

 

मायके पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई धीमी है और वे चाहते हैं कि महिला थाने या CID से जांच कराई जाए।

 

समाज के लिए सीख

 

पुनीता देवी की मौत सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है।

हर साल हजारों बेटियां दहेज की आग में झुलसती हैं, मगर हमारा समाज अभी भी इस कुप्रथा को मिटाने में असफल है।

 

आज जरूरत है कि —

 

शादी को लेन-देन नहीं, जीवनसाथी का बंधन समझा जाए।

 

लड़कियों की सुरक्षा और शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।

 

दहेज मांगने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए।

 

क्या कहती है पुलिस

 

पलामू पुलिस ने कहा है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है।

थाना प्रभारी ने बताया —

 

“हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने साक्ष्य एकत्रित कर लिए हैं और आरोपियों की तलाश जारी है।

 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

 

एमएमसीएच से पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि पुनीता की मौत फांसी लगाकर आत्महत्या थी या गला दबाकर हत्या।

फिलहाल पुलिस फोरेंसिक टीम की मदद से पूरे घर की जांच कर रही है।

 

दहेज प्रथा पर समाज की चुप्पी सबसे बड़ा अपराध

 

इस तरह की घटनाएं बार-बार यह याद दिलाती हैं कि

जब समाज दहेज के नाम पर बेटियों की बलि चढ़ते देखता है और चुप रहता है, तो अपराधी केवल घर के अंदर नहीं, हमारे बीच भी होते हैं।

 

पुनीता की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के उस हिस्से की भी नाकामी है, जो लड़की के जन्म से ही उसकी कीमत तय कर देता है।

 

निष्कर्ष

पुनीता देवी की मौत ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि आखिर कब तक बेटियां दहेज के नाम पर मारी जाएंगी?
कब तक हम चुप रहेंगे और कब तक इस अमानवीय प्रथा को “परंपरा” का नाम देकर सहते रहेंगे?

पुलिस जांच में क्या निकलता है, यह तो आने वाला समय बताएगा,
लेकिन फिलहाल पुनीता की मौत ने एक और परिवार को बर्बाद कर दिया है,
और पीछे छोड़ गई है —
दर्द, सवाल, और इंसाफ की पुकार।

 

Report By Prince Shukla 

9534560453, 9410163515

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