October 16, 2025

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मेदिनीनगर: पलामू एसपी रीष्मा रमेशन का मानवीय चेहरा – ज़रूरतमंद छात्रा की पढ़ाई का उठाया पूरा खर्च

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मेदिनीनगर: पलामू एसपी रीष्मा रमेशन का मानवीय चेहरा – ज़रूरतमंद छात्रा की पढ़ाई का उठाया पूरा खर्च
मेदिनीनगर: पलामू एसपी रीष्मा रमेशन का मानवीय चेहरा – ज़रूरतमंद छात्रा की पढ़ाई का उठाया पूरा खर्च

 

मेदिनीनगर। समाज में पुलिस अक्सर कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की भूमिका के लिए जानी जाती है, लेकिन जब वही पुलिस अपने मानवीय चेहरे को सामने लाती है तो लोगों का विश्वास और गहरा हो जाता है। पलामू जिले की एसपी रीष्मा रमेशन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वर्दी सिर्फ सख़्ती का प्रतीक नहीं बल्कि संवेदनशीलता और इंसानियत का भी परिचय है।

 

हाल ही में पलामू पुलिस की पहल पर सदर थाना क्षेत्र के बहलोलवा गांव की रहने वाली छात्रा नेहा प्रवीण की आगे की पढ़ाई का जिम्मा उठाया गया है। नेहा की कहानी दुख और संघर्ष से भरी हुई है, लेकिन पलामू एसपी के कदम ने उसकी ज़िंदगी में नई उम्मीद और रोशनी भर दी है।

 

 

नेहा प्रवीण की कहानी: संघर्ष और सपनों के बीच जंग

 

नेहा प्रवीण एक साधारण परिवार से आती हैं। उसके पिता सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे। इस हादसे के बाद वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए। पहले जहां पान की छोटी सी दुकान से परिवार का गुज़ारा होता था, वहीं दुर्घटना के बाद घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई।

 

ऐसे हालात में पढ़ाई जारी रखना नेहा के लिए किसी असंभव सपने से कम नहीं था। लेकिन नेहा की हिम्मत और लगन ने उसे हार मानने नहीं दी। वह अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और आगे उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती है।

 

यही वजह थी कि नेहा ने सीधे पलामू एसपी से मदद की गुहार लगाई।

 

 

एसपी रीष्मा रमेशन की पहल

 

जब एसपी रीष्मा रमेशन को नेहा की स्थिति के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत मानवीय दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने सदर थाना प्रभारी लालजी यादव को पूरे मामले में पहल करने का निर्देश दिया।

 

पलामू पुलिस की कोशिशों का नतीजा यह हुआ कि नेहा प्रवीण का नामांकन योधसिंह नामधारी महिला कॉलेज में करवा दिया गया। इतना ही नहीं, पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि नेहा सिर्फ कॉलेज तक सीमित न रह जाए बल्कि उसे कंप्यूटर डिप्लोमा और प्रतियोगी परीक्षाओं की ऑनलाइन क्लासेस की भी सुविधा मिले।

 

थाना प्रभारी लालजी यादव ने स्पष्ट कहा कि नेहा की पढ़ाई में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी और पुलिस हर संभव मदद के लिए उसके साथ खड़ी है।

 

 

पुलिस की संवेदनशीलता के पुराने उदाहरण

 

यह पहली बार नहीं है जब पलामू पुलिस ने इस तरह की पहल की हो। लगभग एक साल पहले मनातू थाना क्षेत्र की रहने वाली एक अन्य छात्रा ने भी एसपी रीष्मा रमेशन से पढ़ाई के लिए मदद मांगी थी।

 

तब एसपी ने उसके लिए पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध करवाई थी और उसका नामांकन चक हाई स्कूल में करवाया था। नतीजा यह हुआ कि वह छात्रा न सिर्फ हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर पाई बल्कि अच्छे अंकों से 12वीं भी पास की।

 

इससे यह साफ होता है कि पलामू एसपी और उनकी टीम लगातार उन बच्चों और परिवारों की मदद कर रही है जिनके पास शिक्षा जारी रखने का साधन नहीं है।

 

 

समाज के लिए संदेश

 

आज के दौर में जब शिक्षा महंगी होती जा रही है और आर्थिक तंगी कई होनहार बच्चों के सपनों को तोड़ देती है, ऐसे में पुलिस की यह पहल एक मिसाल है।

 

यह घटना बताती है कि अगर प्रशासन और समाज मिलकर ऐसे बच्चों की मदद करें तो किसी भी नेहा प्रवीण को अपने सपनों को अधूरा छोड़ने की ज़रूरत नहीं होगी।

 

नेहा की पढ़ाई सिर्फ उसके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन सकती है। क्योंकि एक शिक्षित लड़की न केवल अपना भविष्य संवारती है बल्कि पूरे परिवार और समाज को नई दिशा देती है।

 

 

पलामू पुलिस का बदलता स्वरूप

 

पलामू जैसे नक्सल प्रभावित और पिछड़े माने जाने वाले जिले में पुलिस की भूमिका सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है। एसपी रीष्मा रमेशन के नेतृत्व में पुलिस लगातार यह साबित कर रही है कि उनका मकसद सिर्फ अपराध रोकना नहीं बल्कि समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना भी है।

 

पुलिस द्वारा छात्रों को शिक्षा की ओर बढ़ाने का यह कदम उस सोच को मजबूत करता है जिसमें प्रशासन और जनता मिलकर विकास की नई तस्वीर गढ़ सकते हैं।

 

 

नेहा प्रवीण का सपना और हौसला

 

नेहा प्रवीण अब अपने भविष्य को लेकर बेहद उत्साहित है। उसने कहा है कि एसपी और पुलिस की मदद के बाद अब वह न सिर्फ अपनी पढ़ाई जारी रखेगी बल्कि आने वाले समय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करेगी।

 

नेहा चाहती है कि वह अच्छी नौकरी पाए और अपने माता-पिता का सहारा बने। साथ ही वह उन लड़कियों के लिए भी एक प्रेरणा बनना चाहती है जो मुश्किल हालातों में भी शिक्षा छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं।

 

 

 

निष्कर्ष

 

मेदिनीनगर और पलामू जिले के लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है। यह बताती है कि संवेदनशील पुलिसिंग कैसी होनी चाहिए। एसपी रीष्मा रमेशन ने यह साबित किया है कि वर्दी में रहकर भी इंसानियत जिंदा रह सकती है।

 

नेहा प्रवीण जैसे छात्रों के लिए यह मदद सिर्फ आर्थिक सहारा नहीं बल्कि उनके सपनों को पंख देने जैसा है। आने वाले दिनों में अगर ऐसे कदम और बढ़ाए जाएं तो निश्चित ही पलामू जैसे इलाकों की तस्वीर बदल सकती है।

 

Report By Prince Shukla

Mo. No.9534560453,9410163515 

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