झारखंड में मंईयां योजना को चालू रखने के लिए राज्य सरकार को संसाधनों की कमी नहीं होगी। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार झारखंड ने पिछले कुछ वर्षों में कहीं से कर्ज नहीं लिया है और सरप्लस बजट भी रहा है। सरकार इस योजना के लिए कोई कर्ज नहीं लेगी और अपने संसाधनों का उपयोग करेगी। राज्य सरकार के लिए पिछले तीन वर्षों का सरप्लस बजट भी काम आएगा
1. खजाना दुरुस्त, योजना को जारी रखने में कोई कठिनाई नहीं
2. पिछले वर्ष 12 हजार करोड़ रुपये रिवेन्यू सरप्लस बजट रहा
3. चालू वित्तीय वर्ष में कहीं से नहीं होगी संसाधनों की कमी
झारखंड में मंईयां योजना को चालू रखने के लिए राज्य सरकार को संसाधनों की कमी होने के आसार अभी तक नहीं है। वित्त विभाग के अधिकारियों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों में झारखंड ने कहीं से कर्ज नहीं लिया है और सरप्लस बजट भी रहा है।
ऐसे में कर्ज लेकर रेवड़ी बांटने जैसे आरोप कहीं खड़े नहीं उतरते। सरकार एक बार फिर इस योजना के लिए कोई कर्ज नहीं लेगी। ऐसे में यह तय होता दिख रहा है कि कर्ज लिए बगैर भी मंईयां योजना को जारी रखा जा सकता है। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार इस उपलब्धि के पीछे पिछले चार-पांच वर्षों से चले आ रहे वित्तीय सुधारों का व्यापक असर है। इसके तहत राज्य सरकार ने शुरुआत में महंगी दरों पर कर्ज लेना बंद किया और फिर बाद में ओपन मार्केट से कम ब्याज दर पर राशि का प्रबंध कर कर्ज चुकाया भी।
वित्तीय सुधारों का ही असर था कि पिछले तीन वर्षों से झारखंड का बजट सरप्लस रहा है। अब राज्य सरकार इस सरप्लस बजट से बची राशि का लाभ ले रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी 12 हजार करोड़ रुपये का सरप्लस बजट था।
राज्य सरकार अपने संसाधनों का उपयोग करेगी
अब राज्य सरकार मंईयां योजना को जारी रखने के लिए अपने संसाधनों का ही उपयोग करेगी। शुरुआत में यह अनुमान लगाया गया था कि इस योजना को जारी रखने के लिए सरकार को दस हजार करोड़ रुपये के करीब राशि का इंतजाम करना होगा। अब इससे अधिक राशि सरकार बचा ही ले रही है तो कहीं से संकट आने का अनुमान नहीं है।
राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 15 हजार करोड़ रुपये के करीब कर्ज को खत्म करने में भी सफलता पाई है। इसके लिए तत्कालीन अधिकारियों के प्रयासों की सराहना भी तत्कालीन वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने की थी। एक बार फिर ऐसे ही प्रयासों की बदौलत बची हुई राशि का प्रयोग राज्य सरकार कर पाएगी और यह मंइयां योजना के संचालन में सफल साबित होगी। राज्य सरकार के लिए पिछले तीन वर्षों का सरप्लस बजट भी काम आएगा जो तंगहाली में भी राज्य सरकार के काम आएगी।
मंईयां सम्मान राशि की बड़ी बातें
मंईयां सम्मान योजना के तहत हर माह 1000 रुपये दिए जा रहे थे
अब इसे बढ़ाकर हेमंत सरकार ने 2500 रुपये कर दिया है
हेमंत सोरेन को इसका फायदा विधानसभा चुनाव में मिला
बता दें भाजपा ने भी गोगो दीदी योजना के तहत राशि देने का वादा किया था
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