December 22, 2024

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हजारीबाग के जंगलों में लगी है आग:मारे जा रहे हैं जंगली जानवर, नष्ट हो रहे हैं जंगल आखिर कैसे लग जाती है जंगलों में आग ?

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हजारीबाग: हजारीबाग के बड़कागांव इलाके में आने वाले जंगल में आग लगी है। लंबे समय से इन इलाकों में आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है लेकिन कई जगह अब भी आग धधक रही है। हजारों पेड़ पौधे और छोटे वन्य प्राणी जलकर नष्ट हो रहे हैं। आग बड़कागांव प्रखंड के चानो रिकवा, गरसुला, लुरंगा, जरजरा, पसरियां, भुरकुंडवा, डुमारो, महुदी पहाड़, बथनियां, सुवर ठेलवा, अम्बापानी, गोंदलपुरा, जोराकाठ, जुगरा इलाके तक फैली है। धीरे- धीरे आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है और कई जगहों पर इस पर नियंत्रण भी पा लिया गया है।

वन विभाग नहीं है एक्टिव
जंगल में लगी आग इतनी तेज है कि कई किलोमीटर दूर से आग की उठती लपटें दिखाई दे रही हैं। हर दिन पेड़ नष्ट हो रहे हैं जंगली जानवर दूसरी तरफ रुख कर रहे हैं जो नहीं भाग पा रहे वो इस आग की चपेट में आकर मारे जा रहे हैं। बड़कागांव वन क्षेत्र के महोदी पहाड़, बथानिया एवं बुढ़वा महादेव पहाड़ में आग लगने की सूचना वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बालेश्वर महतो, शिक्षक कुलेश्वर महतो के द्वारा वन विभाग को दी गयी है। वन विभाग भी कई इलाकों में आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। शिक्षक कुलेश्वर महतो एवं उसका विद्यार्थी अपने निजी खर्च से महोदी पहाड़ में लगी आग को बुझा रहें है। प्रभारी रेंजर कमलेश सिंह का कहना है कि जिन स्थानों में ग्रामीणों का सहयोग मिलता है। वहां आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है।

क्यों लग रही है जंगलों में आग
15 फरवरी से जून तक फायर सीजन होता है इस दौरान जंगल में आग लगने का खतरा ज्यादा होता है। वन विभाग इस दौरान ज्यादा सक्रिय रहता है इसके बावजूद भी एक बार अगर जंगल में आग फैल गयी तो उस पर काबू पाना मुश्किल होता है। आग लगने की कई वजह होती है। कई बार ज्यादा गर्मी से, कभी बिजली गिरने से कभी बारिश की कमी से आग लगती है। कई बार लोगों की लापरवाही जंगल को नष्ट कर देती है। अगर किसी व्यक्ति की लापरवाही की वजह से आग लगती है तो उसे छह महीने तक की सजा हो सकती है।

लगातार बढ़ रही है घटनाएं
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच इस तरह की घटनाओं पर नजर रखती है, उनके आंकड़े हैरान करने वाले हैं साल 2021 में जनवरी से अप्रैल के ही बीच भारत के जंगलों में ही आग के 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। 2020 के आंकड़े से अगर आग लगने की घटना की तुलना करें तो इसमें इजाफा हुआ है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, असम और बिहार के जंगल आग से सबसे ज्यादा जंगल प्रभावित हुए हैं।

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