गढ़वा: गढ़वा जिले के दक्षिण-पश्चिम सीमावर्ती क्षेत्र में अपराध नियंत्रण एवं आपसी सहयोग को लेकर झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस के बीच एक अहम संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक छत्तीसगढ़ राज्य के रामानुजगंज स्थित सर्किट हाउस में संपन्न हुई, जिसमें दोनों राज्यों के वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।
बैठक में झारखंड की ओर से रंका अनुमंडल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO), रंका पुलिस निरीक्षक, अंचलाधिकारी सहित सभी थाना प्रभारियों ने भाग लिया, वहीं छत्तीसगढ़ की ओर से रामानुजगंज के वरीय पुलिस पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस संयुक्त बैठक का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना, वांछित अपराधियों और वारंटियों की जानकारी साझा करना तथा आपसी समन्वय के साथ कार्रवाई करना रहा।
बैठक के दौरान यह महसूस किया गया कि सीमावर्ती इलाकों में अपराधी एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर कानून से बच निकलने की कोशिश करते हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए, दोनों राज्यों की पुलिस ने आपसी सहयोग को मजबूत करने और सूचना के त्वरित आदान-प्रदान के लिए एक रणनीतिक ढांचा तैयार करने पर सहमति जताई।
बैठक में यह भी तय किया गया कि दोनों राज्यों की सीमावर्ती थानों के बीच समय-समय पर इस प्रकार की संयुक्त बैठकें की जाएंगी ताकि पारस्परिक संवाद बना रहे और कार्रवाई में तेजी लाई जा सके। साथ ही, यह निर्णय लिया गया कि वांछित अपराधियों की सूची का आदान-प्रदान कर, उन्हें पकड़ने के लिए संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया जाएगा।
रामानुजगंज सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक के दौरान दोनों राज्यों के अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और अपराधियों की नई रणनीतियों के बारे में चर्चा करते हुए उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की योजना बनाई। इसके अलावा सीमा पर अवैध गतिविधियों, नक्सली गतिविधियों, मादक पदार्थों की तस्करी जैसी ज्वलंत समस्याओं पर भी विशेष चर्चा हुई।
संयुक्त बैठक का मुख्य उद्देश्य यह था कि दोनों राज्य मिलकर, सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित बनाएं और वहां रहने वाले नागरिकों में सुरक्षा की भावना को और मजबूत करें।
इस तरह की पहल से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस अब साझा रणनीति के तहत काम करने को लेकर गंभीर है और भविष्य में अपराध नियंत्रण में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं
More Stories
मेदिनीनगर: शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बी.आर.पी-सी.आर.पी महासंघ का विरोध तेज
मेदिनीनगर में सनसनी: अज्ञात अपराधियों ने पारा शिक्षक को मारी गोली, हालत गंभीर
NPU में PhD प्रवेश परीक्षा नकल विवाद पर बढ़ा बवाल — आपसू ने उठाई आरोपी प्रोफेसरों को परीक्षा कार्य से दूर रखने की मांग