PALAMU:बिना अनुमति के सभा करने और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष और हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता समेत 7 लोगों को दोषी करार दिया है। मजिस्ट्रेट सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए पूर्व विधायक समेत सभी सात दोषियों को दो-दो साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद अब पूर्व विधायक 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ ही पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता, अजय कुमार भारती, हरि यादव ,बसपा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार गुप्ता, विजय प्रसाद, रंजीत वर्मा और जितेंद्र कुमार पासवान को जमानत भी दे दिया है। पूर्व विधायक कुशवाहा शिव पूजन मेहता को कोर्ट से बेल तो मिल गई है, हालांकि उनसे राजनीतिक भविष्य को ग्रहण जरूर लग गया है। दो साल की सजा होने के बाद अब पूर्व विधायक अगले 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
बता दें कि साल 2014 के सितंबर में हुसैनाबाद के जपला स्थित जेपी चौक पर कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने बसपा के अन्य सदस्यों के साथ बिना प्रशासनिक अनुमति के कार्यक्रम किया था। इस दौरान आगजनी कर सड़क को जाम कर दिया गया था। इस दौरान मौके पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया और सरकारी काम में बाधा डाला था। इसी साल विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से कुशवाहा शिवपूजन मेहता विधायक चुने गए थे। आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
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