छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव फांसी के फंदे पर लटके पाए जाने के बाद सनसनी फैल गई है।
मृतक विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा आदिवासी समुदाय के हैं।
Chhattishgarh: छत्तीसगढ़ में सात ऐसी जनजातियां हैं, जिनकी कम जनसंख्या और विशिष्टता को देखते हुए, उन्हें विशेष संरक्षित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है। पहाड़ी कोरवा इसी श्रेणी में शामिल हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार की सुबह बगीचा थाना के सामरबहार डुमराडूमर के रहने वाले राजूराम कोरवा, उनकी पत्नी भिनसारी बाई, चार साल की बेटी देवंती और एक साल के पुत्र देवन के शव, घर से लगे हुए अमरूद के पेड़ में अलग-अलग फंदे में लटके हुए थे।
सुबह-सुबह ग्रामीणों ने शव को देखने के बाद पुलिस को सूचना दी। आरंभिक तौर पर इसे आत्महत्या से जुड़ा मामला बताया जा रहा है।
हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
गांव वालों के अनुसार मृतक परिवार मज़दूरी कर के अपना जीवन-यापन करता था।
कुछ ग्रामीणों का कहना है कि एक दिन पहले महुआ बीनने को लेकर गांव के ही कुछ लोगों से मृतक का विवाद हुआ था।
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि घटना इतनी बड़ी नहीं थी कि जान देने की नौबत आ जाए।
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