पलामू/छतरपुर: छत्तीसगढ़ के लखनपुर के नावापारा इलाके की रहने वाली 22 वर्षीय डांसर प्रिया कुमारी की झारखंड के पलामू जिले के छतरपुर अनुमंडल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह घटना शनिवार रात की है, जब प्रिया एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए अपने समूह के साथ छतरपुर आई हुई थीं।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रारंभिक जांच के बाद कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, जो इस घटना को महज एक सामान्य मौत नहीं रहने देते।
घटना की पूरी टाइमलाइन
घटना की शुरुआत शनिवार रात उस समय हुई जब प्रिया और उनके साथी कार्यक्रम के लिए तैयारी कर रहे थे। साथी डांसरों के अनुसार, वे सभी खुले में शौच करने गए थे और वापस आने के बाद प्रिया ने सिर दर्द की शिकायत की।
शुरुआत में यह आम स्वास्थ्य समस्या जैसी प्रतीत हुई। उनके सिर में तेल की मालिश की गई, लेकिन सिर दर्द लगातार बढ़ता गया। कुछ समय बाद प्रिया को उल्टी भी हुई, जिससे साथियों की चिंता बढ़ गई।
इंजेक्शन ने बिगाड़ी हालत?
जब प्रिया की हालत और बिगड़ती गई, तब उन्होंने मकान मालिक को बुलाया, जिनके घर में वे किराए पर रह रहे थे। मकान मालिक के बेटे ने, जो संभवतः किसी मेडिकल बैकग्राउंड से जुड़ा बताया जा रहा है, प्रिया को दो इंजेक्शन दिए।
लेकिन इंजेक्शन देने के कुछ ही मिनटों बाद प्रिया की हालत और खराब हो गई। आनन-फानन में उन्हें छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
छतरपुर थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद ने बताया कि इंजेक्शन दिए जाने के बाद ही प्रिया की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई, जिसके बाद मौत हुई। पुलिस इस मामले के सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है।
कई सवाल, जिनके जवाब अब भी बाकी हैं
-
इंजेक्शन देने वाला व्यक्ति कौन था?
क्या वह प्रशिक्षित मेडिकल पेशेवर था या बिना किसी योग्यता के उसने दवा दी? -
प्रिया को कौन-सी दवा दी गई थी?
क्या यह दवा प्रिया की हालत को सुधारने के लिए उपयुक्त थी या इसके साइड इफेक्ट्स खतरनाक थे? -
डॉक्टरी सलाह के बिना दवा क्यों दी गई?
किसी पेशेवर डॉक्टर से सलाह लिए बिना ही इंजेक्शन देने का फैसला क्यों लिया गया? -
शुरुआती स्वास्थ्य परेशानी कैसे अचानक जानलेवा बन गई?
सिर दर्द और उल्टी आम लक्षण हो सकते हैं, लेकिन उनकी वजह से किसी की मौत होना असामान्य है।
प्रिया की सहेली का बयान: पैसे नहीं मिले थे
प्रिया की सहेली नीतू ने मीडिया को बताया कि उन्हें और प्रिया को डांस कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन उन्हें कार्यक्रम का मेहनताना नहीं दिया गया। ऐसे में वे दोनों छतरपुर में एक किराए के मकान में रह रही थीं।
प्रिया को एक कार्यक्रम के लिए रोजाना ₹2,500 से ₹3,000 तक मिलते थे। लेकिन इस बार आयोजकों ने उन्हें कोई भुगतान नहीं किया था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी तनावपूर्ण हो गई थी। ऐसे में वे सरकारी या किसी बड़े अस्पताल की बजाय स्थानीय मदद पर ही निर्भर थीं।
सांस्कृतिक कलाकारों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले फ्रीलांस कलाकारों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े करती है। डांसर, गायक, और अन्य लोक कलाकार अक्सर राज्य से बाहर जाकर कार्यक्रम करते हैं, लेकिन न तो उनकी ठहरने की व्यवस्था सुरक्षित होती है, और न ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होती हैं।
प्रिया की मौत एक चेतावनी है कि ऐसे कार्यक्रमों में शामिल कलाकारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा, बीमा, और अनुबंध आधारित भुगतान प्रणाली अनिवार्य की जानी चाहिए।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल, पुलिस मकान मालिक और उसके बेटे से पूछताछ कर रही है।
थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद के अनुसार, यह केस अभी अंडर इन्वेस्टिगेशन है और पुलिस इसे गंभीरता से ले रही है। अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा अगर किसी की लापरवाही या जानबूझकर की गई कार्रवाई इस मौत का कारण पाई जाती है।
परिजनों को दी गई सूचना, सदमे में परिवार
प्रिया कुमारी के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। वे छत्तीसगढ़ से झारखंड के लिए रवाना हो चुके हैं। परिवार का कहना है कि प्रिया एक महत्वाकांक्षी कलाकार थीं और अपने बल पर अपने गांव का नाम रोशन करना चाहती थीं।
उनके पिता ने कहा, “हमारी बेटी तो मेहनत करने गई थी, मगर हमें क्या पता था कि वो अब कभी लौटकर नहीं आएगी।” परिवार ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
समाज और सरकार की जिम्मेदारी
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। सरकार और आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी सांस्कृतिक आयोजन में शामिल कलाकारों को:
-
उचित पारिश्रमिक मिले
-
सुरक्षित ठहरने और भोजन की व्यवस्था हो
-
मेडिकल सहायता उपलब्ध हो
-
आपातकालीन बीमा कवर मिले
निष्कर्ष
प्रिया कुमारी की मौत कई ऐसे मुद्दों को उजागर करती है जिन्हें अब तक नजरअंदाज किया जाता रहा है। यह केवल एक कलाकार की मौत नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की लापरवाही का परिणाम है। सवाल यह है कि क्या हम इससे कुछ सीखेंगे, या यह भी एक और फाइल बनकर बंद हो जाएगा?
CRIME REPORTER: PRINCE SHUKLA
More Stories
चतरा जिले में नव जेल एवं मेडिकल कॉलेज निर्माण की तैयारी: उपायुक्त ने किया स्थल निरीक्षण
मेदिनीनगर में नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़: पुलिस ने 2000 से अधिक बोतलों के साथ एक आरोपी को किया गिरफ्तार
विश्व संगीत दिवस पर सांसद बीडी राम ने किया कलाकारों का सम्मान, शिमला विजेता ‘मासूम आर्ट ग्रुप’ को सराहा