लातेहार, झारखंड: लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के केड़ पंचायत अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव कारीमाटी (तेतर टोला) में गुरुवार की रात एक हृदयविदारक हादसा हो गया। गांव के निवासी चंदन सिंह की खेत जोतते समय ट्रैक्टर पलटने से मौके पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना से गांव में मातम का माहौल है, और परिवार शोकाकुल है।
खेत जोतने के दौरान हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार देर शाम चंदन सिंह गांव के ही एक अन्य किसान दिलेश्वर यादव के ट्रैक्टर से खेत की जुताई कर रहे थे। बारिश के कारण खेत में अत्यधिक कीचड़ हो गया था, जिससे जुताई कार्य कठिन हो गया था। चंदन सिंह पूरी मेहनत से खेत जोतने में लगे हुए थे, लेकिन तभी खेत का एक हिस्सा दलदली अवस्था में चला गया।
ट्रैक्टर दलदल में फंस गया और चंदन सिंह ने उसे बाहर निकालने की कोशिश की। इसी दौरान ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया और वह अचानक पलट गया। पलटने के बाद ट्रैक्टर चारों चक्कों के बल ऊपर हो गया और चंदन ट्रैक्टर के नीचे दब गए। चंदन को बचाने का कोई मौका नहीं मिल सका, क्योंकि यह सब कुछ बेहद तेजी से हुआ।
मौके पर ही हो गई मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैक्टर इतनी तेजी से पलटा कि चंदन को संभलने का मौका ही नहीं मिला। ट्रैक्टर के नीचे दबते ही वह गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। यह हादसा रात करीब 9 बजे के आसपास हुआ।
गांव में जैसे ही इस हादसे की खबर फैली, लोग दौड़ते हुए घटनास्थल पर पहुंचने लगे। थोड़ी ही देर में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। खेत की परिस्थिति और कीचड़ की वजह से चंदन के शव को निकालना बेहद कठिन था।
लिस की तत्परता से निकाला गया शव
सूचना मिलते ही छिपादोहर थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सब इंस्पेक्टर रितेश कुमार राव और एएसआई राजेश कुमार को टीम के साथ मौके पर भेजा। पुलिस दल ने ग्रामीणों की मदद से ट्रैक्टर को हटाने का प्रयास शुरू किया। कीचड़ में फंसे ट्रैक्टर को हटाना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन लगातार प्रयास के बाद करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद चंदन सिंह के शव को ट्रैक्टर के नीचे से बाहर निकाला गया।
गांव में पसरा मातम, परिवार बदहवास
चंदन सिंह की आकस्मिक मृत्यु की खबर से पूरा गांव शोक में डूब गया है। उनका परिवार सदमे में है। पत्नी, माता-पिता और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। घर के सामने शोक-संतप्त लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। हर कोई इस दर्दनाक घटना से आहत है और चंदन की ईमानदारी, मेहनत और सादगी को याद कर रहा है।
गांव के बुजुर्ग रामेश्वर सिंह बताते हैं, “चंदन बहुत मेहनती और मिलनसार युवक था। वह हमेशा सबकी मदद करता था। इस तरह अचानक उसकी मौत से गांव को बड़ा नुकसान हुआ है।”
प्रशासन से मदद की गुहार
परिवार और ग्रामीणों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता और मुआवजे की मांग की है। चंदन सिंह घर के अकेले कमाने वाले सदस्य थे। ऐसे में उनके निधन से परिवार पूरी तरह टूट गया है। लोगों का कहना है कि सरकार को इस हादसे को गंभीरता से लेना चाहिए और परिवार को त्वरित सहायता प्रदान करनी चाहिए।
ग्राम प्रधान (मुखिया) रेखा देवी ने भी प्रशासन से पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद और चंदन सिंह की मृत्यु को आपदा श्रेणी में दर्ज कर उचित मुआवजा देने की मांग की है।
ट्रैक्टर मालिक की भूमिका पर सवाल
घटना के बाद गांव में यह चर्चा भी तेज है कि क्या ट्रैक्टर मालिक दिलेश्वर यादव ने खेत की स्थिति को देखकर सावधानी बरती थी या नहीं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि खेत कीचड़ और दलदल से भरा हुआ था, ऐसे में ट्रैक्टर चलाना खतरनाक हो सकता था। हालांकि अभी तक पुलिस ने इस दिशा में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
पुलिस ने शुरू की आवश्यक कार्रवाई
छिपादोहर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, और आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सब इंस्पेक्टर रितेश कुमार राव ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह एक दुर्घटनावश मृत्यु (Accidental Death) प्रतीत हो रही है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सिलसिला
चंदन सिंह की असामयिक मृत्यु की खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुपों में लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। गांव के युवाओं द्वारा चंदन को याद करते हुए कई भावुक पोस्ट किए गए हैं। कई लोगों ने उनकी सरलता और मेहनत की मिसाल देते हुए परिवार को मजबूत बने रहने की प्रार्थना की है।
निष्कर्ष: ग्रामीण सुरक्षा और सावधानी की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्यों के दौरान सुरक्षा के प्रति लापरवाही किस हद तक जानलेवा हो सकती है। ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों का उपयोग दलदली और कीचड़ वाले खेतों में बिना विशेषज्ञता या सुरक्षा उपायों के करना जान जोखिम में डाल सकता है। ऐसे में जरूरी है कि ग्राम स्तर पर किसानों को सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया जाए और खेतों की स्थिति का मूल्यांकन कर ही जुताई या अन्य कार्य किए जाएं।
चंदन सिंह की मौत एक व्यक्तिगत क्षति ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है — जहां मेहनतकश किसान अब भी रोज़गार के लिए जोखिम उठाते हैं, लेकिन सुरक्षा के न्यूनतम उपायों से वंचित हैं।
सम्पर्क सूत्र:
रिपोर्टर – छिपादोहर संवाददाता
ईमेल – crimefreeindianews01@gmail.com
मोबाइल – +919534560453
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