मेदिनीनगर (पलामू): मंगलवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में एनएच 75 फोरलेन पथ निर्माण, आर.ओ.आर, आर.ओ.बी, तथा सरकार द्वारा संचालित अन्य सड़क निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।
यह बैठक एनआईसी स्थित सभागार में वर्चुअल मोड के माध्यम से आयोजित हुई, जिसमें उपायुक्त ने एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के विभिन्न प्रोजेक्ट्स से जुड़ी भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान की स्थिति पर गहन चर्चा की।
भूमि अधिग्रहण में अपेक्षित प्रगति नहीं – डीसी ने दी चेतावनी
बैठक के दौरान उपायुक्त समीरा एस ने स्पष्ट रूप से कहा कि पिछले तीन माह में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है और कई स्तरों पर कार्य में शिथिलता देखी गई है।
उन्होंने इस लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को कार्य की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया।
साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्य में सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीसी ने आगे कहा कि सरकारी परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की देरी सीधे तौर पर जनता के हित को प्रभावित करती है। इसलिए सभी संबंधित अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं।
लिपिकों का वेतन रोका गया
बैठक के दौरान उपायुक्त ने पाया कि कई अंचलों में एल.पी.सी (लैंड पोसेशन सर्टिफिकेट) जारी करने में अत्यधिक देरी हो रही है।
इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने भू-अर्जन कार्यालय के लिपिकों का अक्टूबर माह का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है, उन पर प्रशासन सख्त रुख अपनाएगा।
भोगु से शंखा तक सेक्शन 111 के तहत अधिग्रहण की समीक्षा
एनएच 75 के भोगु से शंखा सेक्शन तक भूमि अधिग्रहण की समीक्षा करते हुए डीसी ने पाया कि कई अंचलों में एलपीसी लंबित हैं।
जानकारी के अनुसार:
सदर अंचल में 60 से अधिक एलपीसी लंबित हैं,
नवाबज़ार में 100 से अधिक,
विश्रामपुर में 20 से अधिक एलपीसी पेंडिंग हैं।
इसके अलावा अन्य अंचलों में भी कई मामले अभी लंबित हैं, जिससे परियोजना की गति प्रभावित हो रही है।
डीसी ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करें ताकि सड़क निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए।
60 करोड़ से अधिक मुआवजा लंबित
बैठक में यह भी बताया गया कि विभिन्न अंचलों के कई अवॉर्डी किसानों के बीच अब तक 60 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा भुगतान किया जाना बाकी है।
इस पर उपायुक्त ने कहा कि सीओ (अंचल अधिकारी) और भू-अर्जन पदाधिकारी आपस में बेहतर समन्वय स्थापित करें और मुआवजा वितरण में तेजी लाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि भुगतान में देरी से लोगों में असंतोष बढ़ता है, इसलिए प्रत्येक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समय पर निभाए।
एलए कोर्ट योग्य मामलों पर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश
डीसी समीरा एस ने कहा कि एलए कोर्ट योग्य मामलों की संख्या भी बढ़ रही है।
ऐसे मामलों में नियमों के अनुरूप कार्रवाई करते हुए शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी केसों की अद्यतन रिपोर्ट तैयार रखें ताकि उच्चाधिकारियों को समय-समय पर सूचित किया जा सके।
उच्च स्तर से लगातार मॉनिटरिंग
बैठक में उपायुक्त ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं की उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने सभी सीओ से कहा कि वे इस परियोजना में अपना 100% योगदान दें ताकि किसी भी प्रकार की देरी न हो।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही से निर्माण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे विकास की गति रुक जाती है।
रैयतों से संवाद और सहयोग पर जोर
उपायुक्त ने सभी अंचलाधिकारियों से कहा कि वे रैयतों (भूमि मालिकों) के साथ लगातार संवाद बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि कई बार भूमि अधिग्रहण के मामलों में गलतफहमी या सूचना की कमी से विवाद उत्पन्न होते हैं।
ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें ताकि सभी पक्षों को न्याय मिले।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से —
अपर समाहर्ता (ADM) कुंदन कुमार,
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विजय केरकेट्टा,
हुसैनाबाद भूमि सुधार उप समाहर्ता,
तथा संबंधित अंचल अधिकारी (सीओ) शामिल थे।
सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने प्रखंडों में कार्य की गति बढ़ाएं और समय-सीमा के भीतर सभी अधिग्रहण और भुगतान कार्य पूर्ण करें।
एनएच 75 परियोजना का महत्व
एनएच 75 (नेशनल हाईवे 75) झारखंड के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन परियोजना है।
यह सड़क पलामू जिले सहित कई अन्य जिलों को जोड़ते हुए राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी।
फोरलेन सड़क निर्माण से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि व्यापार, रोजगार और पर्यटन को भी गति मिलेगी।
डीसी समीरा एस ने कहा कि यह परियोजना राज्य की प्राथमिकता सूची में शामिल है और इसका समय पर पूरा होना बेहद आवश्यक है।
उपायुक्त का संदेश: विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं
बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि सरकार की मंशा है कि सभी विकास योजनाएं जनता तक समय पर पहुंचे।
उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी कार्य में शिथिलता बरतेगा, उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा,
“सड़क निर्माण कार्य केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा नहीं, बल्कि यह पलामू जिले के विकास की धड़कन है। इसलिए सभी अधिकारी मिलकर इसे सफल बनाएं।”
भविष्य की योजना और प्रशासनिक पहल
प्रशासन ने यह भी निर्णय लिया है कि अब प्रत्येक सप्ताह प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाएगी और एनएच 75 समेत सभी प्रमुख परियोजनाओं की स्थिति डीसी कार्यालय स्तर पर समीक्षा की जाएगी।
साथ ही ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा ताकि किसी भी स्तर की देरी तुरंत चिन्हित की जा सके।
निष्कर्ष
एनएच 75 फोरलेन सड़क निर्माण परियोजना पर उपायुक्त समीरा एस की सख्त मॉनिटरिंग से प्रशासनिक तंत्र में एक नई ऊर्जा आई है।
डीसी की पहल से स्पष्ट संदेश गया है कि अब पलामू में विकास कार्यों में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भूमि अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान और फील्ड वर्क में तेजी लाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में एनएच 75 परियोजना की रफ्तार और तेज होगी, जिससे मेदिनीनगर और आसपास के क्षेत्रों में विकास की नई राह खुलेगी।
*Report By Prince Shukla*
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