Ranchi: शिक्षण के क्षेत्र में झारखंड ने कई आयाम स्थापित किए हैं। यहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए भी बड़े संस्थान हैं। रांची के रिम्स में भी मेडिकल की पढ़ाई होती है। हर साल झारखंड के मेडिकल स्टूडेंट्स हर साल बड़ी संख्या में एमबीबीएस और एमडी या एमएस से पीजी की डिग्री पाते हैं। लेकिन जब बात नौकरी या मेडिकल शिक्षण संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की होती है तो ये अन्य राज्यों के मेडिकल अभ्यर्थियों से पिछड़ जाते हैं।
झारखंड में डॉक्टरों को रास नहीं आ रही सरकारी नौकरी
मेडिकल प्रोफेशनल्स की इस स्थिति की वजह है सीएमई (Continuing Medical Education) के लिए राज्य में कोई प्वाइंट्स का नहीं मिलना। देश के ज्यादातर अन्य मेडिकल स्टूडेंट्स के होने वाले सीएमई (सतत मेडिकल शिक्षा) के लिए प्वाइंट्स दिए जाते हैं। इसका फायदा यह होता है कि मेडिकल स्टूडेंट्स को कोर्स की पढ़ाई के अंक के साथ-साथ सीएमई के प्वाइंट्स की भी काउंटिंग होती है और उसका लाभ उनकी वरीयता में भी होता है।
झारखंड को क्यों नहीं मिलता सीएमई का प्वाइंट्स
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को सीएमई के लिए प्वाइंट्स नहीं मिल पाता है। क्योंकि इसके लिए हर पांच साल पर मेडिकल रजिस्ट्रेशन का रिन्यूल होना जरूरी होता है। लेकिन झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद में अभी वन टाइम रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है। पर्षद के रजिस्ट्रार डॉ. बिमलेश सिंह कहते हैं कि उनकी कोशिश है कि नए नियमावली में हर पांच साल पर री-रजिस्ट्रेशन का प्रावधान लागू किया जाए। जिससे यहां भी अन्य राज्यों की तरह सीएमई के लिए प्वाइंट्स मिल सके और यहां के बच्चे मेडिकल संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर बन सकें या अच्छी नौकरी हासिल कर सकें।
क्या होता है सीएमई?
सीएमई यानी सतत मेडिकल शिक्षा (Continuing Medical Education) होता है। इसके तहत लगातार मेडिकल के क्षेत्र में शिक्षा लेते रहने की प्रक्रिया होती। इसी सतत शिक्षण लेने की प्रक्रिया को ही सतत मेडिकल शिक्षा यानी सीएमई कहा जाता है। इसमें पढ़ाई करने के साथ उनके प्वाइंट्स भी बढ़ते हैं और रैंकिंग के साथ साथ सीनियर भी होते जाते हैं।
सीएमई मेडिकल प्रोफेशनल और डॉक्टरों के लिये बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह मरीजों के इलाज और उनकी बीमारियों को ठीक करने में बेहद जरूरी भूमिका निभाता है। क्योंकि मेडिकल क्षेत्र में हर दिन हो रहे नए नए खोज और शोध को जानने और समझने का मौका मिलता है। रांची सदर अस्पताल सर्जन डॉ अखिलेश झा कहते हैं कि सीएमई काफी महत्वपूर्ण होता है, यह नयी पीढ़ी के मेडिकल प्रोफेशनल को उनके बेहतर भविष्य बनाने में मददगार साबित होता है।
Crime Reporter:- P K SHUKLA
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