राहुल गांधी भी जातीय गणना के पक्ष में है। ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दबाव बढ़ाएगी। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर जातीय गणना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले जातीय गणना की मांग जोर पकड़ सकती है। इस मामले में झारखंड अपने पड़ोसी राज्य बिहार के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में जातीय गणना चल रही है। वहां सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) और राजद की इस पहल का कांग्रेस ने खुलकर समर्थन किया है। पार्टी नेता राहुल गांधी इसके पक्ष में सामने आ गए हैं।
उन्होंने जातीय गणना के साथ-साथ आबादी के लिहाज से आरक्षण प्रतिशत तय करने की मुहिम के पक्ष में साथ देने की बात कही है। इससे जदयू और राजद गठबंधन के हौसले बुलंद हैं। राहुल गांधी द्वारा खुलकर इसके पक्ष में आने के बाद प्रदेश कांग्रेस इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दबाव बढ़ाएगी।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर जातीय गणना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करेंगे। उधर, राजद भी सत्तारूढ़ गठबंधन का सहयोगी है। ऐसे में सरकार कुछ निर्णय ले सकती है। हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा भी सैद्धांतिक तौर पर जातीय गणना के पक्ष में है।
मोर्चा के रणनीतिकार इसे केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बताते हैं। फिलहाल, इस मुद्दे पर गठबंधन दल के बीच मांग तेज होने पर सुगबुगाहट बढ़ेगी। अगर इस दिशा में निर्णय हुआ तो बिहार के बाद झारखंड जातीय गणना कराने वाला दूसरा राज्य होगा।
बिहार में हर जाति के लिए एक कोड
बिहार में जातियों के लिए अलग-अलग कोड जाति आधारित गणना के लिए बिहार में कोड तय किया गया है। यह अंकों से पता चल जाएगा कि कौन किस जाति का है। हर जाति का एक अलग कोड निर्धारित किया गया है। कायस्थ का कोड 22, ब्राह्मणों का 128, राजपूत का 171, भूमिहार का कोड 144 है। कुर्मी जाति का कोड 25 और कुशवाहा (कोइरी) का 27 है। यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, सदगोप के लिए कोड 167 है|
Reporter: Aarti Dixit
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