प्रखंड में कई विकास योजनाओं का कार्य नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। यहां पर कई सरकारी योजनाओं में सूचना बोर्ड का नहीं लगाया जाना, ठेकेदार और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठा रहा है। योजना स्थल पर बोर्ड नहीं लगाए जाने से लोग गुमराह हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण प्रखंड के बारंगा पंचायत के गोपीपुर गांव का है।
यहां आरईओ विभाग से एक लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। योजना स्थल पर सूचना बोर्ड नहीं लगने से ठेकेदार के बारे में पता नहीं चल रहा है। ज्ञात हो कि मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा अंतर्गत छोटानागरा से कोलायबुरू के बीच पुलिया और गार्डवाल का निर्माण भी किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इसमें सड़क का भी निर्माण किया जाना है। परंतु यहां भी सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है। बड़ी बात तो यह है कि यहां की योजना में गड़बड़ी भी की जा रही है।
परंतु इसे लेकर अभी तक जिला प्रशासन या संबंधित विभाग से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं इसे लेकर चंद दिनों पहले जगन्नाथपुर विधानसभा के पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा और आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक सुशील बारला ने राज्य के मुख्य सचिव से मिलकर एक पत्र देकर योजना की उच्च स्तरीय जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई करने की मांग भी की है। दूसरी ओर मनोहरपुर शहर में ईश्वर पाठक प्लस-टू विद्यालय के आदिवासी बालक छात्रावास के मरम्मत कार्य में भी अभी तक सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है। जबकि यहां कार्य अपने अंतिम चरण में है।
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