MEERUT : मेरठ में पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास केएल-1 क्वार्टर में रहने वाले दरोगा इंद्रजीत सिंह की खुदकुशी को परिजन करीब सात घंटे तक छिपाते रहे। बृहस्पतिवार सुबह 9:30 जब मेडिकल कॉलेज से मीमो पहुंचा तो पुलिस अधिकारियों को घटना का पता चला।
इसके बाद एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्वत, एसपी सिटी पीयूष सिंह और सीओ सिविल लाइन अरविंद चौरसिया घटनास्थल पर पहुंचे। घटना का जायजा लेने के बाद परिजनों से पूछताछ की गई।
आसपास के पुलिसकर्मियों को भी सुबह तक कुछ पता नहीं था। पुलिस अधिकारियों के पहुंचने के बाद ही उन्हें जानकारी हुई। इसके बाद ही आसपास के आवासों में रहने वाले लोग पहुंचे थे।
वहीं कुछ महिलाओं का कहना था कि रात करीब 10 बजे तक दरोगा अपनी पत्नी के साथ टहल रहे थे। घटना को छिपाने की वजह के बारे में भी कई तरह की चर्चाएं चलती रहीं।
दरोगा के ससुर नरेंद्र निवासी सितार गंज जिला उधमसिंह नगर ने बताया कि इंद्रजीत सिंह चार बहन-भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनके बड़े भाई गुरमीत सिंह गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। दूसरे नंबर पर इंद्रजीत सिंह थे।
बताया कि तीसरे नंबर पर बहन कमलजीत कौर हैं और सबसे छोटे नरेंद्र सिंह हैं। नरेंद्र नोएडा पुलिस में हैं। ससुर ने बताया कि उन्हें सुबह पांच बजे बेटी ने फोन पर घटना की जानकारी दी।
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