June 22, 2025

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झारखंड में दरिंदगी की हदें पार… 19 साल की नेत्रहीन रेप पीड़िता से दो बार बलात्कार, HC ने नहीं दी गर्भपात की इजाजत

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एक ऐसी पीड़िता जिसके पास देखने के लिए पहले ही नेत्र नहीं हैं वहीं दूसरी तरफ वो ऐसे परिवार से आती है कि उसके घर में न तो पानी आता है और न ही बिजली। 9 सितंबर को हाई कोर्ट ​ने इस केस की सुनवाई करते हुए मेडिकल कॉलेज रिम्स के प्रबंधन को इसके लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित कर इस पर बाबत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। रिम्स के मेडिकल बोर्ड ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में जबाव दिया कि इस समय युवती का गर्भपात सुरक्षित नहीं होगा।

झारखंड: झारखंड से ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपके कान सुन्न हो जायेंगे। एक ऐसी पीड़िता जिसके पास देखने के लिए पहले ही नेत्र नहीं हैं वहीं दूसरी तरफ वो ऐसे परिवार से आती है कि उसके घर में न तो पानी आता है और न ही बिजली। पीड़िता के पिता एक रिक्शा चालक है। जिसके साथ एक नहीं बल्कि दो बार रेप हो चुका है। और तो और कोर्ट ने युवती को गर्भपात कराने से मना कर दिया है।

दरअसल, हाई कोर्ट ने मंगलवार  को सुनवाई के दौरान एक 19 वर्षीय रेप पीड़िता को गर्भपात कराने से मना कर दिया है। देश में पहले ही रेप केस रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इधर अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता की मदद देने के उपाय बताने का निर्देश दिया। यह पीड़िता के साथ हुआ दोहरा दुष्कर्म है। युवती के साथ पहले भी 2018 में बलात्कार हुआ था। जिसकी सुनवाई 14 सितंबर, 2022 को हुई।

रेप पीड़िता पहले से ही नेत्रहीन है और वह अपने पिता के साथ अकेली ही घर में रहती हैं। पीड़िता बिन मां की बेटी है। फिलहाल तो ये है कि युवती के गर्भ में 28 सप्ताह का भ्रूण है।

मिली जानकारी के अनुसार, बता दें कि 9 सितंबर को हाई कोर्ट  ने इस केस की सुनवाई करते हुए मेडिकल कॉलेज रिम्स के प्रबंधन को इसके लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित कर इस पर बाबत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। रिम्स के मेडिकल बोर्ड ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में जबाव दिया कि इस समय युवती का गर्भपात सुरक्षित नहीं होगा।

इसी रिपोर्ट को मद्देनजर रखते हुए अदालत ने युवती को गर्भपात की इजाजत नहीं दी। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि वो रिम्स और पीड़ित युवती के अधिवक्ताओं से बातचीत करके ये बताए कि इस मामले में अब क्या करना चाहिए?

बता दें कि पीड़ित युवती के लिए राज्य सरकार की ओर से रामगढ़ स्थित महिला आश्रय में रहने की व्यवस्था की भी बात कही गई।

गौरतलब है कि झारखंड आदिवासी समुदाय की रहने वाली इस नेत्रहीन युवती के साथ पहले, साल 2018 में बलात्कार हुआ। वो मामला अभी अदालत में लंबित है। इसके बाद पीड़िता को 2022 में दूसरी बार हवस का शिकार बनाया गया, जिससे उसके गर्भ में बच्चा भी ठहर गया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसकी मेडिकल जाँच हुई।

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