PATNA: क्या जातिगत जनगणना पर बिहार में सियासी सेटिंग का खेल चल रहा है? पटना में आज नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव के बीच आज जातीय गणना के बहाने बंद कमरे में वन टू वन बातचीत हुई। कहा गया कि तेजस्वी बिहार में जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर नीतीश से मिलने गये थे लेकिन ये मुलाकात बेहद दिलचस्प थी। तेजस्वी जब नीतीश से मिलने गये तो पार्टी के किसी दूसरे नेता को साथ नहीं ले गये। बाहर निकले तो नीतीश को लेकर तेवर बदले-बदले थे।
सीएम हाउस से आया था तेजस्वी को कॉल
दरअसल जातिगत जनगणना को लेकर मंगलवार को तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस किया था। मंगलवार को तेजस्वी ने ये एलान किया था कि अगले 72 घंटे के अंदर नीतीश कुमार ने बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर फैसला नहीं लिया तो वे आंदोलन पर उतर जायेंगे। तेजस्वी ने कहा था कि वे पटना से दिल्ली तक की पदयात्रा पर निकल जायेंगे। अब इसके बाद का वाकया दिलचस्प है। तेजस्वी के हजारों पत्र का जवाब नहीं देने वाले नीतीश कुमार ने मंगलवार की शाम को ही तेजस्वी को कॉल कर दिया। तेजस्वी को कॉल गया कि बुधवार की शाम मिलने के लिए आ जायें।
अकेले मिलने गये तेजस्वी
जातिगत जनगणना को लेकर तेजस्वी की मांग नयी नहीं है। वे पहले भी नीतीश कुमार से मिलकर बिहार में जातिगत जनगणना कराने की मांग कर चुके हैं। उस दफे वे राजद ही नहीं बल्कि दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी साथ लेकर नीतीश कुमार से मिलने गये थे। उसके बाद नीतीश कुमार की अगुआई में तेजस्वी यादव औऱ दूसरी पार्टियों के नेता प्रधानमंत्री से मिल कर ज्ञापन देने गये थे। लेकिन आज तेजस्वी यादव अकेले नीतीश कुमार के आवास पहुंच गये। उनके साथ राजद का कोई नेता नहीं था। ना प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह थे और ना ही अब्दुल बारी सिद्दीकी या श्याम रजक जैसे पार्टी के दूसरे सीनियर लीडर। जबकि ये तमाम नेता पटना में ही मौजूद थे। तेजस्वी अपनी गाड़ी पर अकेले सवार हुए और नीतीश कुमार के आवास पहुंचे।
बंद कमरे में वन टू वन बातचीत
वहीं सीएम आवास का नजारा भी अलग था। बीजेपी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार जब भाजपा नेताओं से मिलते हैं तो उनके साथ विजय चौधरी, ललन सिंह या विजेंद्र यादव जैसे पार्टी के कोई न कोई नेता जरूर होते हैं। लेकिन आज जब तेजस्वी यादव से जातिगत जनगणना पर बात होनी थी तो सीएम हाउस में जेडीयू का कोई दूसरा नेता मौजूद नहीं था। नीतीश अकेले बैठे थे। अपने आवासीय कार्यालय के बाहर उन्होंने तेजस्वी का स्वागत किया औऱ फिर दोनों एक कमरे में बैठ गये।
एक घंटे की बातचीत में किसी अधिकारी की भी एंट्री नहीं
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की बातचीत तकरीबन एक घंटे चली। तेजस्वी के मुताबिक वे जातिगत जनगणना पर नीतीश के सामने मांग रख रहे थे औऱ सीएम उसका जवाब दे रहे थे। लेकिन दिलचस्प बात ये थी कि जातिगत जनगणना पर फैक्ट रखने के लिए वहां किसी अधिकारी को भी नहीं बुलाया गया था। तेजस्वी औऱ नीतीश कुमार में वन टू वन बातचीत हुई और उसी बीच कोई उस कमरे में नहीं गया।
नरम पड़ गये तेवर
एक घंटे की मुलाकात के बाद तेजस्वी जब बाहर निकले तो मीडिया इंतजार कर रही थी। सवाल पूछा गया कि मुख्यमंत्री से अकेले में क्या कुछ सेटिंग-गेटिंग हुई। तेजस्वी बोले-आपलोग ऐसी ही गलत खबर चलाते रहिये। मैं तो जातिगत जनगणना पर अपनी बात रखने गया था। नीतीश जी ने कहा कि वे तो खुद इसे कराने की तैयारी कर रहे हैं। इस तरह से जातिगत जनगणना करायी जायेगी कि कोई चूक नहीं होगी। तेजस्वी बोले-नीतीश जी ने कहा है कि वे जल्द ही जातिगत जनगणना कराने का एलान करेंगे। उससे पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की औपचारिकता निभायी जायेगी। लेकिन सरकार अपनी सारी तैयारी कर चुकी है।
आंदोलन नहीं करेंगे तेजस्वी
नीतीश कुमार से मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर अपनी प्रस्तावित पदयात्रा भी टालने का एलान किया। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बेहद पॉजिटिव रेस्पांस लिया है। इसलिए फिलहाल वे अपनी पदयात्रा टाल रहे हैं। जब नीतीश कुमार जातिगत जनगणना नहीं करायेंगे तो फिर वे अपने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। लेकिन अभी आंदोलन स्थगित कर दिया गया है।
कौन सी सियासी खिचड़ी पक रही है
नीतीश कुमार पिछले एक महीने से तेजस्वी से रिश्ते सुधारने की सार्वजनिक तौर पर कवायद करते दिख रहे हैं। वे तेजस्वी यादव के घर इफ्तार की दावत में पैदल पहुंच गये थे। एक दूसरी सियासी इफ्तार पार्टी में वे तेजस्वी यादव को उनकी गाड़ी तक छोड़ने चले गये थे। इन वाकयों के बाद चर्चा ये हो रही थी कि वे तेजस्वी से नजदीकी दिखा कर बीजेपी को धमका रहे हैं। नीतीश बीजेपी को ये मैसेज देना चाह रहे हैं कि अगर भाजपा ने उन पर दवाब बनाया तो वे पाला बदल लेंगे। लेकिन अब जब तेजस्वी उनसे अकेले में मिलने जा रहे हैं तो मामला कुछ औऱ नजर आ रहा है। जाहिर है आने वाले वक्त में बिहार की सियासत दिलचस्प मोड़ ले सकती है।
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